2017/01/31

योग एवं आयुर्वेद - कुछ उपयोगी तथ्य



मोटापा एवं वजन कम करना (Obesity & Weight Loss)
थाइरोइड असंतुलन, कार्बोहाइड्रेट, वसायुक्त भोजन, फास्टफूड का अधिक सेवन मोटापे के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
  • मोटापा घटाने के लिए भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों का कम से कम 30 मिनट तक नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए
  • योगिक जॉगिंग एवं सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करें
  • उज्जाई प्राणायाम अवश्य करें
  • अश्वगंधा चूर्ण या इसके तीन पत्ते मरोड़ कर दिन में 2 से 3 बार सेवन करें  
  • आहार पर नियंत्रण रखें, कार्बोहाइड्रेट, चीनी एवं इससे निर्मित खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण रखें
  • गोमूत्र अर्क, गर्म जल का सेवन करें

वजन कम होना (Under-weight)
थाइरोइड असंतुलन, अनियमित, अनुपयुक्त एवं अपर्याप्त आहार के कारण भी वजन कम रहता है। विशेष तौर पर कई युवक-युवतियों में वजन कम होने के कारण हीनभावना रहती है।

  • वजन का संतुलन सही करने के लिए भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों का कम से कम 30 मिनट तक नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए
  • योगिक जॉगिंग एवं सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करें
  • उज्जाई प्राणायाम अवश्य करें
  • केला, खजूर, दूध, अश्वगंधा, सफेद मुस्ली, शतावर, शिलाजीत, च्यवनप्राश जैसी औषधियों का नियमित रूप से सेवन करें

उच्च रक्तचाप (Hypertension or High Blood Pressure)
सामान्य तौर पर पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले में अधिक पाया जाता है। मोटे लोगों में इसकी संभावना अधिक प्रबल रहती है। उच्च रक्तचाप के सबसे सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
  • नियमित रूप से कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों को सामान्य गति के साथ करना चाहिए
  • लौकी के जूस का सेवन करें जो कडवा न हो, उसमें आप नीम्बू का रस तथा पुदीना भी मिला सकते हैं

निम्न रक्तचाप (Hypotension or Low Blood Pressure)
सामान्य तौर पर पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं में अधिक पाया जाता है। कमजोर अथवा दुर्बल, अनुवांशिक, और कमजोर मन वाले लोगों में इसकी संभावना अधिक प्रबल रहती है। निम्न रक्तचाप के सबसे सामान्य उपचारों में शामिल हैं:

  • नियमित रूप से योगाभ्यास, प्राणायाम करना चाहिए
  • दाएं नाक से श्वास भर कर कुछ देर रोकें और बाएं नाक से निकालें
  • अश्वगंधा चूर्ण, खजूर, केला आदि का नियमित सेवन करें  

शारीरिक व मानसिक विकलांगता
  • भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्रत्येक प्राणायामों को धीरे-धीरे कम से कम 5 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
  • बादाम, अखरोट का उपयोग करें

मस्कुलर डिस्ट्रोफी
  • भ्रामरी, उद्गीत, भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम जैसे प्रत्येक प्राणायामों को धीरे-धीरे कम से कम 5 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
  • गिलोय का सेवन करें

पीसीओडी यानि पोलीसिस्टिक ओवरी डिजीज
  • भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों को कम से कम 15 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए

खून की कमी

भारत के अनेक राज्यों में यह समस्या 50% से अधिक महिलाओं में होती है, अपर्याप्त भोजन, फास्टफूड इसके कारणों में शामिल है। अनियमित व अधिक मासिक स्राव भी महिलाओं में रक्त की कमी का एक मुख्य कारण रहता है।

  • कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत, भस्रिका, जैसे प्राणायामों को कम से कम 15 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
  • मिला जुला यानि मिश्रित अनाज खायें जैसे गेंहूँ, सोयाबीन, बाजरा, ज्वार, रागी आदि
  • केला, अमरुद, मुनक्का, अंजीर, आंवला/एलोवेरा का सेवन करें

शरीर में गाँठ
  • शरीर में किसी भी तरह की गाँठ होने पर भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों को कम से कम 30 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
  • ज्यादा गाँठ होने पर गोमूत्र अर्क, हल्दी का उपयोग तीन से छह महीने तक किया जा सकता है
* कृपया इन उपायों के अलावा अपने नजदीकी विशेषज्ञों से चिकित्सीय परामर्श अवश्य कर लें

नानी के नुस्खे


एसिडिटी यानि अम्लता


इसमें पेट की जलन सहित दर्द तथा अम्लीय सामग्री के प्रत्यावहन की अनुभूति होती है।

उपचार
  • बड़ा चम्मच धनिया पत्ती का रस और एक छोटा चम्मच ताजा अदरक दिन में 2-3 बार लिया जा सकता है।
  • सुबह एक कप दूध के साथ पका हुआ केला मसल कर खाने से हृदय दाह और पेट के अल्सर पर उपयुक्त प्रभाव पड़ता है।
  • एक चुटकी सेंधा नमक मिला हुआ ताजा संतरे का रस आधा कप पीने से तत्काल राहत मिलती है, लेकिन यह भोजन के बाद नहीं लेना चाहिए।

मुहाँसे

बालों के रोम के आधार पर मौजूद तेल ग्रंथियों में रुकावट के कारण मुहाँसे उत्पन्न होते हैं।


उपचार
  • ताजा छाछ के साथ त्वचा को धोने, और फिर गर्म पानी से अच्छी तरह से साफ करने से त्वचा का पीएच संतुलन बना रहता है।
  • बेसन और आधा चम्मच हल्दी के साथ किए गए फेसपैक का वैकल्पिक दिनों में उपयोग किया जा सकता है।
  • संतरे के सूखे छिलके, भिगोकर नम करने और फिर त्वचा पर धीरे-धीरे रगड़ने से परिसंचरण सक्रिय होता है और हाथ धोने के आदर्श साधन के तौर पर सूखी पपड़ी से मुक्ति दिलाते हैं।

दाग


अत्यधिक घर्षण, तीव्र गर्मी, रसायन, बिजली या विकिरण द्वारा त्वचा के उत्तकों को हुए नुकसान के फलस्वरूप दाग उत्पन्न होते हैं।

उपचार
  • प्रभावित क्षेत्र को 5-10 मिनट के लिए गुनगुने या थोड़े ठंडे पानी में डुबो कर रखें। यह गर्मी कम करता है और दर्द से राहत मिलती है।
  • लाली होने पर बरगद के पेड़ की नरम, कोमल पत्तियों को पीस कर लगाएँ। लौंग और शहद से बना मरहम संक्रमण से बचाता है।
  • यदि आसपास की त्वचा से रंग भिन्न है, तो शहद अपने प्राकृतिक एंजाइमों द्वारा परतों और मेलेनिन उत्पादक कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में फायदेमंद हो सकता है।

जूँ

जूँ सूक्ष्म परजीवी हैं जो खोपड़ी, धड़, कांख या गुप्त अंगों पर हमला करते हैं।

उपचार
  • जूँ के लिए सबसे अच्छा उपाय नीम की पत्ती है। मुट्ठी भर नीम की पत्तियों का लेप बनाएँ और अल्प मात्रा में नारियल के तेल से सिर की त्वचा पर लगाएँ। रात भर लगाकर छोड़ दें और सुबह धो लें। इसे 2-3 बार दोहराएँ।
  • शरीफा बीज सुखाने के बाद पीसकर, चूर्ण को नारियल के तेल में मिला कर सिर की त्वचा पर लगाया जा सकता है। 2-3 घंटे के लिए छोड़ दें और उसके बाद धो लें।

फटी ऐडियाँ

दर्दनाक घाव त्वचा पर लगातार संपर्क में पड़ने वाले दबाव और घर्षण के कारण पैदा होते हैं।

उपचार
  • स्नान करते समय झांवां या खुरदरे कपड़े द्वारा धीरे धीरे रगड़ें। यह सूखी मृत त्वचा, धूल और जमी हुई मैल को हटा देती है।
  • अखरोट के मिश्रण सहित शैंपू या साबुन मिले गर्म पानी से भरे बर्तन में पैर भिगोएँ। पैरों को अच्छी तरह से सुखाकर तेल से मालिश करें।
  • नींबू के कटे छिलके, कच्चे टमाटर या ताजा अनानास का लेप करने से गोखरू या सख्त त्वचा को नरम करने में मदद मिलती है।

मूत्र संबंधी शिकायतें

मूत्र मार्ग में संक्रमण के मूल में अक्सर बैक्टीरिया होते हैं और ज्यादातर लड़कियों एवं महिलाओं में गुदा मूत्रमार्ग के नजदीक होने के कारण होते हैं।

उपचार
  • गुर्दे साफ रखने के लिए खूब पानी पिएँ तथा 2-3 बार कच्चे नारियल पानी का प्रतिदिन सेवन करें।
  • ताजा गाजर के आधा कप रस का दिन में तीन बार सेवन करें।
  • हर सुबह 8-10 जामुन फल खाने से मार्ग संक्रमण मुक्त रहता है।

उच्च रक्तचाप

सामान्य से ऊपर रक्तचाप वृद्धि को उच्च रक्तचाप के रूप में जाना जाता है।

उपचार
  • सुबह गर्म पानी और शहद के साथ ताजा नींबू का रस एक महत्वपूर्ण उपाय है।
  • शहद युक्त आंवला, सुबह लेने से और सूखे पाउडर का आधा चम्मच सोते समय लेना लाभकारी होता है।
  • तुलसी के पौधों की जड़ों का चूर्ण बना, अच्छी तरह छानकर शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से लाभ मिलता है।

2017/01/30

आईवीएफ क्या होता है?

मूल रूप से इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ (IVF) का मतलब प्रयोगशाला में शरीर से बाहर अंडाणुओं और शुक्राणुओं को एक साथ मिलाते हुए निषेचन की अनुमति देना है।

अक्सर आईवीएफ में एक से अधिक गर्भ फलीभूत होते हैं क्योंकि जब किसी स्त्री में भ्रूण वापस स्थापित करते हैं तो गर्भाशय में कितने भ्रूण वापस रखे जाएंगे, विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास यह विकल्प मौजूद रहता है। 

स्त्री की आयु के साथ कप में जितने भ्रूण बनेंगे, भ्रूण की गुणवत्ता के साथ उनका संतुलन बनाने का प्रयास किये जाते हैं ताकि एक ही बार में गर्भावस्था की संभावना को अधिकतम रखने के लिए कितने भ्रूण वापस स्त्री गर्भाशय में डालने चाहिए इसके लिए एक उचित सिफारिश की जा सके

लेकिन एक से अधिक भ्रूण रखने का परिणाम एक से अधिक गर्भ हो सकता है, और जब एक भ्रूण डालते हैं बहुत ही कम लेकिन कई बार (एक समय में 5% से भी कम) अभी भी संभावना रहती है कि भ्रूण का विभाजन होने के कारण दो जुड़वां पैदा होंगे।

2017/01/28

हिन्दी ज्ञान यात्रा

हिन्दी ज्ञान यात्रा में आप सभी का स्वागत है!

आने वाले समय में आप लोग 'हिन्दी ज्ञान यात्रा' ब्लॉग में बेहतरीन विषयों पर कुछ श्रेष्ठ, शानदार, रोचक एवं ज्ञानवर्धक सामग्री से परिचित होंगे। आप लोगों को यह सामग्री अवश्य पसंद आएगी। इसके साथ ही आपसे करबद्ध विनती है कि आप यथोचित प्रतिक्रिया देते हुए इसमें सुधार करने के लिए अपने बेशकीमती सुझाव प्रदान करेंगे।

आपका अपना,

ज्ञान कोष