मोटापा एवं वजन कम करना (Obesity & Weight Loss)
थाइरोइड
असंतुलन, कार्बोहाइड्रेट, वसायुक्त भोजन, फास्टफूड का अधिक सेवन मोटापे के प्रमुख
कारणों में शामिल हैं।- मोटापा घटाने के लिए भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों का कम से कम 30 मिनट तक नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए
- योगिक जॉगिंग एवं सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करें
- उज्जाई प्राणायाम अवश्य करें
- अश्वगंधा चूर्ण या इसके तीन पत्ते मरोड़ कर दिन में 2 से 3 बार सेवन करें
- आहार पर नियंत्रण रखें, कार्बोहाइड्रेट, चीनी एवं इससे निर्मित खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण रखें
- गोमूत्र अर्क, गर्म जल का सेवन करें
वजन कम होना (Under-weight)
थाइरोइड
असंतुलन, अनियमित, अनुपयुक्त एवं अपर्याप्त आहार के कारण भी वजन कम रहता है। विशेष
तौर पर कई युवक-युवतियों में वजन कम होने के कारण हीनभावना रहती है।
- वजन का संतुलन सही करने के लिए भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों का कम से कम 30 मिनट तक नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए
- योगिक जॉगिंग एवं सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करें
- उज्जाई प्राणायाम अवश्य करें
- केला, खजूर, दूध, अश्वगंधा, सफेद मुस्ली, शतावर, शिलाजीत, च्यवनप्राश जैसी औषधियों का नियमित रूप से सेवन करें
उच्च रक्तचाप (Hypertension or
High Blood Pressure)
सामान्य
तौर पर पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले में अधिक पाया जाता है। मोटे लोगों में
इसकी संभावना अधिक प्रबल रहती है। उच्च रक्तचाप के सबसे सामान्य उपचारों में शामिल
हैं:
- नियमित रूप से कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों को सामान्य गति के साथ करना चाहिए
- लौकी के जूस का सेवन करें जो कडवा न हो, उसमें आप नीम्बू का रस तथा पुदीना भी मिला सकते हैं
निम्न रक्तचाप (Hypotension or Low Blood Pressure)
सामान्य
तौर पर पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं में अधिक पाया जाता है। कमजोर अथवा दुर्बल,
अनुवांशिक, और कमजोर मन वाले लोगों में इसकी संभावना अधिक प्रबल रहती है। निम्न
रक्तचाप के सबसे सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
- नियमित रूप से योगाभ्यास, प्राणायाम करना चाहिए
- दाएं नाक से श्वास भर कर कुछ देर रोकें और बाएं नाक से निकालें
- अश्वगंधा चूर्ण, खजूर, केला आदि का नियमित सेवन करें
शारीरिक व मानसिक विकलांगता
- भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्रत्येक प्राणायामों को धीरे-धीरे कम से कम 5 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
- बादाम, अखरोट का उपयोग करें
मस्कुलर डिस्ट्रोफी
- भ्रामरी, उद्गीत, भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम जैसे प्रत्येक प्राणायामों को धीरे-धीरे कम से कम 5 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
- गिलोय का सेवन करें
पीसीओडी यानि पोलीसिस्टिक ओवरी डिजीज
- भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों को कम से कम 15 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
खून की कमी
भारत के
अनेक राज्यों में यह समस्या 50% से अधिक महिलाओं में होती है, अपर्याप्त भोजन,
फास्टफूड इसके कारणों में शामिल है। अनियमित व अधिक मासिक स्राव भी महिलाओं में रक्त
की कमी का एक मुख्य कारण रहता है।
- कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत, भस्रिका, जैसे प्राणायामों को कम से कम 15 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
- मिला जुला यानि मिश्रित अनाज खायें जैसे गेंहूँ, सोयाबीन, बाजरा, ज्वार, रागी आदि
- केला, अमरुद, मुनक्का, अंजीर, आंवला/एलोवेरा का सेवन करें
शरीर में गाँठ
- शरीर में किसी भी तरह की गाँठ होने पर भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत जैसे प्राणायामों को कम से कम 30 मिनट तक नियमित रूप से करना चाहिए
- ज्यादा गाँठ होने पर गोमूत्र अर्क, हल्दी का उपयोग तीन से छह महीने तक किया जा सकता है
* कृपया इन उपायों के अलावा अपने नजदीकी विशेषज्ञों से चिकित्सीय परामर्श अवश्य कर लें
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