मूल रूप
से इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ (IVF) का मतलब प्रयोगशाला में शरीर से बाहर अंडाणुओं
और शुक्राणुओं को एक साथ मिलाते हुए निषेचन की अनुमति देना है।
अक्सर
आईवीएफ में एक से अधिक गर्भ फलीभूत होते हैं क्योंकि जब किसी स्त्री में भ्रूण वापस स्थापित करते हैं
तो गर्भाशय में कितने भ्रूण वापस रखे जाएंगे, विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास यह विकल्प मौजूद रहता है।
स्त्री की आयु के साथ कप में जितने भ्रूण बनेंगे, भ्रूण की गुणवत्ता के साथ उनका संतुलन
बनाने का प्रयास किये जाते हैं ताकि एक ही बार में गर्भावस्था की संभावना को अधिकतम रखने
के लिए कितने भ्रूण वापस स्त्री गर्भाशय में डालने चाहिए इसके लिए एक उचित सिफारिश की जा सके।
लेकिन
एक से अधिक भ्रूण रखने का परिणाम एक से अधिक गर्भ हो सकता है, और जब एक भ्रूण डालते हैं बहुत ही कम लेकिन कई बार (एक समय में 5% से भी
कम) अभी भी संभावना रहती है कि भ्रूण का विभाजन होने के कारण दो जुड़वां पैदा
होंगे।
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